The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि more info से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में Shiv chaisa कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, shiv chalisa lyricsl हमें क्षमा कर देना।
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ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।